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Neeraj Chauhan

Tragedy Inspirational

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Neeraj Chauhan

Tragedy Inspirational

माँ तुम एयरपोट न आना..

माँ तुम एयरपोट न आना..

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सेना से ग़र फ़ोन जो आये

मैं ना बोलूं और बताये

पागल सी तू पता लगाये

जो माँ तेरा दिल घबराये

मुझ को गर अपना समझे तो

तू ना गलत अंदाज़ लगाना

माँ तुम ..


बाबूजी आशंकित होंगे

मन ही मन में चिंतित होंगे

हिला हिला तुम को पूछेंगे

दिल का मर्ज वो सब भूलेंगे

सारी रात चलेगा उनका

धक् धक् धक् दिल का धड़काना

माँ तुम..


ये रात अँधेरी गहराएगी

हाँ पूरी रात डराएगी,

मैं ना बोला सोच-सोच कर

तुम को नींद कहाँ आएगी

पर चुपके से सो जाना माँ

मेरी यादों का लिए सिरहाना

माँ तुम..


‘उसको’ माँ कुछ पता ना देना

मैं ना बोला बता ना देना

साथ कटा हर लम्हा जिसके

उसको माँ कुछ जता ना देना

‘गुड़िया’ के सर हाथ फेर कर

चुन्नू को सीने से लगाना

माँ तुम..


तुम ना मानी पहुँच गयी हो

पर देख के सेना सहम गयी हो

हां माँ वो मैं ही, लाल तेरा

जो तीन रंग में है लिपटा

तेरे लिए ये हार जीत है

तेरे लिए जीना मर जाना

माँ तुम ..


आ माँ तुझ को गले लगा लूँ

अपने सारे दर्द भुला लूँ

लाल तेरा जो कल था मैं

अब धरती माँ का लाल कहा लूँ

मेरी इस क़ुर्बानी पर

ना मोती से आँसू तू बहाना

माँ तुम ..


आसमान से चौड़ा सीना

जैसे सारे गमों को पीना

आह! बाबूजी नहीं अच्छा है

यूँ छाती पीट पीट कर रोना

लगता हैं मैं बन बैठा हूँ

सबकी ख़ुशियों का जुर्माना

माँ तुम ..


हर साथ मेरा खो रहा क्यूँ?

सब जाग रहे मैं सो रहा क्यूँ?

ये प्यार मेरा..दिलदार मेरा

फफक-फफक कर रो रहा क्यूँ?

जो प्यास अधूरी रख छोड़ी है

उस पर बिलकुल ना पछताना

माँ तुम …


तेरे आँसू की, निंदा हूँ

गुड़िया मत रो..मैं जिंदा हूँ

हाँ गुड़िया तू खून हैं मेरा

रंग है और, जुनून है मेरा

चट्टान बनो, ना टूटो तुम

हैं मेरा बदला तुम्हें चुकाना..

माँ तुम..


चल माँ ले चल गाँव तू मेरे

बनकर चल पड़ पाँव तू मेरे

ऐ माँ…. ढक ले अपने आँचल में

आज ही सारे चाव तू मेरे…

तू भी माँ है , देश भी माँ है

फिर काहे का है पछताना?


माँ तुम एयरपोट न आना..

माँ तुम एयरपोट न आना.. .



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