माँ सिर्फ माँ हो तुम
माँ सिर्फ माँ हो तुम
माँ !
सिर्फ माँ हो तुम।
तूने,
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा
काली माई एवं डिह बाबा
टेकी, सभी जगह माथा
और मांगीं दुआएं
सिर्फ मेरी सलामती की।
अपने,
खाई रूखा-सूखा और बासी
हमें,
खिलाई ताजा-तरीन रोटी मलाई।
करूं मैं माँ तेरा वंदन अभिनंदन
नहीं कोई भाषा एवं कलम है सक्षम
करे जो आपका अभिनंदन।
माँ सिर्फ माँ हो तुम
यही मेरा बारंबार अभिनंदन।
