मान ले
मान ले
तो क्या हुआ जो तू मुझे देख नहीं सकता,
मान ले तेरे सामने छायी वो बदसूरत सी रात हूँ मैं,
तो क्या हुआ तू बोल नहीं सकता,
मान ले तेरे वही इशारे हूँ मै,
मेरी आहट से जो धड़कनें बढ़ती है तेरी,
मान ले तेरी वो चाहत हूँ मै,
सुनता रेह ना मुझे हर बार की तरह,
मान ले मै ही तेरा संगीत हुँ,
मत कोसा कर खुद को अब,
मान ले मेरी पसंद तुजसे ज्यादा अच्छी है,
हाथ पकड़कर मेरा उंगलियां फूलो से सजा ले,
अब मान जा तू मेरी तरह एक इंसान ही तो है।