मां को सलाम
मां को सलाम
जिसके बल पर बनते हैं, जग के बिगड़े काम
प्राणों की आहुति दे दे, चाहिए नहीं कुछ नाम,
मां गंगा सी पवित्र हो, वो कैलाश पर्वत समान
जननी प्यारी उस मां को, लो करें आज सलाम।
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दर्द सहे लाखों तन पर, मानेगी कभी नहीं हार
अपने बच्चे को देती है, प्रेम, ममता और दुलार,
कुर्बानी जीवन की देने , मिलती सदा ही तैयार
जननी प्यारी उस मां को, लो करें आज सलाम।
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उसके आंचल में पालते, देवी, देवता जन महान
दिन रात करती वो सेवा, बच्चा सोए चादर तान,
जब बच्चा दर्द में कराहता, दे सकती निज जान
जननी प्यारी उस मां को, लो करें आज सलाम।
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आशीर्वाद देकर निज प्रिय,बनाती कठोर फौलाद
धरती से ज्यादा कष्ट सहती, करती सदा इमदाद,
बच्चे को प्रकाश में रख, तम में करती रहे काम
जननी प्यारी उस मां को, लो करें आज सलाम।
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मुंह से आह नहीं करती, चाहे चली जाए जान
हर कष्ट को भुला देती, समझती अपनी ही शान,
प्यारी मूरत जननी वो, लगती ज्यों पवित्र है धाम
जननी प्यारी उस मां को, लो करें आज सलाम।
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मर कर भी जो याद आए, तन,मन और है शान
कितनी मां की तारीफ करो, पवित्र धरा के धाम,
देवी महादेवी सामान मां, कष्ट सहना बस काम
जननी प्यारी उस मां को, लो करें आज सलाम।
