मां की शक्ति
मां की शक्ति
बच्चों के संपूर्ण विकास में सदा ,
मां का होता है महती भाग,
बड़ी भूमिका निभाते हैं इसमें,
सतत् तपस्याऔर पूर्ण त्याग।
बच्चे घर में माता के संग ही तो,
ज्यादा-से- ज्यादा वक्त बिताते हैं,
निज गृह में भी वे माता से ही ,
ज्यादा वात्सल्य प्रेम भी पाते हैं।
जीजाबाई सा ही योगदान होता है ,
एक बच्चे को शिवा बनाने में,
सुल्ताना सा डाकू भी बन सकता है,
बस मां के थोड़ा सा ही भटकाने में।
गुरुकुल में मां संग रह करके,
भरत और लव-कुश ने इतिहास रचा,
केहरि शावक के थे दांत गिने और,
चतुरंगिणी सेना को दिया था नचा।
विद्या धन-धान्य प्रदाता है,
अहं चूरकर दण्ड दुष्टों को माता देती है,
अनुसुइया यशोदा रूप धार,
त्रिलोकी की मां होने का सुख लेती है।
मां बनने का अति सुंदर सपना ,
हर नारी की प्रबल कामना होती है,
होती स्वर्ग कामना हर नर की,
मातृ चरणों में शक्ति मुक्ति की होती है।
