माँ जिंदगी का वरदान
माँ जिंदगी का वरदान
ये आंखें पागल राह निहारती हैं,
रात को सोते सोते जग जाती हैं,
कभी सिसक सिसक सिसकियों में याद छुपाती हैं,
कभी तेरी तस्वीर से न जाने क्या क्या कह जाती हैं
दिल भी हर दिन तेरी तस्वीर निहारता है,
कभी मोबाइल की स्क्रीन तो कभी आंख बंद कर
दिल के पन्नो को पलट डालता है।
हर दिन तेरा ख्वाब मैं जीती हूँ,
हर दिन अपने पास तुझे जीती हूँ,
माँ आपको दिल कितना पुकारता है,
आपके दिल का टुकड़ा आपके बिना रह नही पाता है।
बहुत दिन हो गए अब दिल नहीं लगता है,
काश आप आजाती हम सबको गले लगाने
कुछ अपनी मेहनत को जीने,
कुछ हमारी गलतियां बताने।
हर दिन की मुस्कान सजाने,
हर दिन मेरा सर सहलाने,
कुछ अपनी दिल की मुझे सुनाने
कुछ मेरे दिल की सुन लेती इसी बहाने।