माँ ब्रह्मचारिणी
माँ ब्रह्मचारिणी
ब्रह्मचारिणी का अर्थ यहाँ
होता है तप की चारिणी
करती धारण दायें हाथ में
जप की माला अपने
और कमंडल बायें में
हिम के घर जन्म लिया
शिवजी को पाने हेतु
माँ ने तप घनघोर किया
हजार वर्षों तक माँ ने
फल-फूलों का भोग किया
सौ वर्ष तक सोयी
माँ धरा पर
छोड़ दिया पत्ते खाना
अपर्णा माँ कहलायी
होकर प्रसन्न देवों ने
दिया आशीर्वाद माँ को
मिलेंगे शिव पति रूप में
जाओ पुत्री घर अपने
होगी सफल साधना ये
जो की है निरंतर तुमने
