STORYMIRROR

Dheeraj kumar shukla darsh

Abstract Others

3  

Dheeraj kumar shukla darsh

Abstract Others

माँ ब्रह्मचारिणी

माँ ब्रह्मचारिणी

1 min
338

ब्रह्मचारिणी का अर्थ यहाँ

होता है तप की चारिणी

करती धारण दायें हाथ में

जप की माला अपने

और कमंडल बायें में

हिम के घर जन्म लिया

शिवजी को पाने हेतु

माँ ने तप घनघोर किया

हजार वर्षों तक माँ ने

फल-फूलों का भोग किया

सौ वर्ष तक सोयी

माँ धरा पर

छोड़ दिया पत्ते खाना

अपर्णा माँ कहलायी

होकर प्रसन्न देवों ने

दिया आशीर्वाद माँ को

मिलेंगे शिव पति रूप में

जाओ पुत्री घर अपने

होगी सफल साधना ये

जो की है निरंतर तुमने



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract