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Monika Garg

Abstract

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Monika Garg

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माँ- बाप की गोद में जन्नत

माँ- बाप की गोद में जन्नत

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मिलता रहे यूं ही ,

हमे आप से स्नेह। 


होती रहे बरसात, 

सदा यूँ ही प्यार की।


माँ बाप की गोद मे है ,

जन्नत सारे संसार की।


आप से क्या और मांगे,

केसे अाप से कहें।


आशीष भरा हाथ आप का ,

सदा यूँ ही सिर पर रहे।


मिलती रहे दौलत हमें

सदा आप के प्यार की‌ ।


माँ बाप की गोद मे है ,

जन्नत सारे संसार की।


सदा यू ही बना रहे ,

हमारे सर पर आप का साया ।


गमो को क्या हक है जो ,

हमारे पास टिक भी पाया। 


मिल जाती है जब आप से ,

खुशियाँ सारे जहाँ की।

 

माँ बाप की गोद मे है ,

जन्नत सारे संसार की।


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