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Vaibhav Dubey

Abstract

3  

Vaibhav Dubey

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लव की होली

लव की होली

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दिल से दिल यूँ मिल गये धड़कन रंगोली हो गई

सांसों की गति अनगिनत फूलों की टोली हो गई


जब किया इजहार उनकी शर्म से नज़रें झुकीं

देखकर गालों का रंग बस मेरी होली हो गई


जुल्फें काली रंग गोरा और गुलाबी होंठ थे

रंग लिए थे अंग बदन के या चुनावी वोट थे


नीली आंखों में उतर कर अंख मिचौली हो गई

देखकर गालों का रंग बस मेरी होली हो गई।


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