लोक व्यवहार, नेग रिवाज
लोक व्यवहार, नेग रिवाज
लोक व्यवहार और नेग रिवाज
हमारी संस्कृति के हैं उपहार
हमारी परम्पराएं और विधान
बन जाता है मधुर व्यवहार
गीत, कथा, मिथक, संगीत
परम्पराओं की है अनुगूँज
जन्म, मरण और प्रण तक
हरदम रहती है इनकी गूंज
पर्व, त्योहार, पूजा आदि में
प्रचलित नेग रिवाज है
अतिथियों का होता सम्मान
गौरवशाली यह परवाज़ है
संसार की हर जाति, समुदाय में
हर संस्कृति में लोक व्यवहार है
लोगों में उत्साह ऊर्जा भर देते
यह आतिथ्य का विधान है।