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निखिल कुमार अंजान

Abstract

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निखिल कुमार अंजान

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लक्ष्य पर रख निगाह......

लक्ष्य पर रख निगाह......

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लक्ष्य की ओर निरंतर ताक

सबसे पहले खुद को साध

ध्यान भटकने  न  पाए

हाथ आई मंजिल की रस्सी

अब  छिटकने न पाए

नजर निशाने पर रख

पल पल खुद को तू परख

कर्म ही ईश्वर कर्म ही पूजा

याद कर धरती पर आया क्यूं था

मन के बहकावे मे न तू आना

निरंतर प्रयास करते जाना

एक छोर पर खड़ा है तू

दूजी ओर मंजिल है तेरी

जँहा तुझको लगाना है निशाना

तेरी मेहनत इक दिन रंग लाएगी

जल्द ही तुझे तेरी मंजिल मिल जाएगी

खुद को मत भटकाना ये साधना है

इस साधना पर विश्वास बनाना

बड़ी दूर तलक तू जाएगा

सफलता की पगडंडियों मे चढ़ता

तू नया कीर्तिमान रचाएगा..........


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