STORYMIRROR

Rishabh Tomar

Abstract

2  

Rishabh Tomar

Abstract

लक्ष्मीबाई बन जाओ

लक्ष्मीबाई बन जाओ

1 min
162

मौन रही तो इंद्र रोज ही शील लूटने आयेगा

दरबारों का हर दुःशाशन चीर खींचने आयेगा

उठो,हाथ तलवार उठालो लक्ष्मीबाई बन जाओ 

तो पीछे से युद्ध तुम्हारा ये जग लड़ने आयेगा


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract