लिखना तुम खत में
लिखना तुम खत में
लिखना तुम खत में
अपनी बाते मन की
जुबां पर जो आये
वो बातें सनम की
अपने दिल के जख्म
अपने दिल का हाल
लिख दो तुम खून से
कैसे जीना बना बेहाल
अपने दिल का दर्द लिखना
उसे सौ सो बार लिखना
पढ पाये वो ही
ऐसे तुम जुबां लिखना
लिखना खत में अरमान अपने
क्या देखे दिन रात सपने
तुम ना हो तो परेशान कितने
तुम्हारे बिना अधुरे इतने।

