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सुरेश उजाग्र

Abstract

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सुरेश उजाग्र

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काला रंग

काला रंग

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उल्लाला उल्लाला

सबसे गहरा ये रंग काला


यू तो नहीं ये रंगीन

सबको लगता है काला काला


सर के ऊपर बाल काला

आकाश नीचे कव्वा काला


सूरज की रोशनी तुम सोख लेना

देना दुनिया को शीतलता


गाती है मीठी कोयल

कोयल का रंग काला


दिन में दिखे उजियाला

रात में दिखे अंधियारा काला


सब की परछाई काली

रात को देखे सब कव्वाली


कीबोर्ड का बटन काला

नही खुलता बिना चावी के ताला


मंगलसूत्र का मनी भी काला

काजल का ये रंग निराला।



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