लिखी थी जो चिठ्ठी
लिखी थी जो चिठ्ठी
लिखी थी जो तेरे नाम
की चिठ्ठी
दिल की गहराई से भरी
वो चिठ्ठी।
जाते जाते तेरे पास
रुक सा गया
जिंदगी में
काला बादल सा छा गया।
अरमानों के टुकड़ों पे
थम सी गयी मैं
तेरे नाम मे मेरा नाम
जोड़ ना पाई मैं।
मुश्किलें थी बड़ी बड़ी
हाथ में थी तेरी चिठ्ठी सारी
प्यार का पैगाम
भेज ना पाई
तेरे नाम की वो चिठ्ठी
तुझे दे ना पाई।
