Vijaykant Verma
Inspirational
पर्यावरण हो शुद्ध
इंसा रहे निरोग,
जीवन में कभी किसी को
लगे न कोई रोग,
बच्चों, घर के आगे
लगाओ कोई पेड़,
स्वस्थ हो तन और मन
फिर खेलो तुम खेल
विनाश का बटन ...
नदी तुम्हारी...
सच्ची मुस्कान
मानवता, तू मर...
बचपन लौटा दो
लौट आओ मेरे य...
खुशी
हाले दिल
रिश्तों की सम...
सूखा पत्ता
उठाते हैं अस्तित्व पर उसके,, जो सवाल वो सरफिरा है !! उठाते हैं अस्तित्व पर उसके,, जो सवाल वो सरफिरा है !!
अपने भारत पे मैं अभिमान करूं, मैं उसका ही सदा ध्यान धरूं। अपने भारत पे मैं अभिमान करूं, मैं उसका ही सदा ध्यान धरूं।
मन से ना बिसरा देना उन देश भक्त परवानों को मन से ना बिसरा देना उन देश भक्त परवानों को
अनुपम, अद्वितीय, महान सुहानी हिन्दी हिन्दुस्तान की। अनुपम, अद्वितीय, महान सुहानी हिन्दी हिन्दुस्तान की।
ऋषियों की पावन भूमि यह उद्धार हेतु विकल तड़पती थी। ऋषियों की पावन भूमि यह उद्धार हेतु विकल तड़पती थी।
ये बहिष्कार इसकी सजा नहीं, इसका इलाज सबका साथ औऱ सबका प्यार है। ये बहिष्कार इसकी सजा नहीं, इसका इलाज सबका साथ औऱ सबका प्यार है।
तेरे तन की उसे कोई चाह नहीं तेरे सुख-दुख का भी उसपर असर नहीं होता। तेरे तन की उसे कोई चाह नहीं तेरे सुख-दुख का भी उसपर असर नहीं होता।
नाम रख देते हैं लोग हर उस औरत में जो जीना जानती। नाम रख देते हैं लोग हर उस औरत में जो जीना जानती।
दुश्मन के अग्निबाण से जब घायल हुआ हिमालय था। दुश्मन के अग्निबाण से जब घायल हुआ हिमालय था।
उनके ऊँचे आदर्शों का निज जीवन में, अनुगमन करें। उनके ऊँचे आदर्शों का निज जीवन में, अनुगमन करें।
कहे ऋषि ये इंसा तेरे मुंह पे तेरे हैं, वो मेरे मुंह पे मेरे हैं। कहे ऋषि ये इंसा तेरे मुंह पे तेरे हैं, वो मेरे मुंह पे मेरे हैं।
मेरी लेखनी मेेेरी आन बान और शान है। मेरी लेखनी मेेेरी आन बान और शान है।
रंगबिरंगे धागों का रंगबिरंगा मेला। रंगबिरंगे धागों का रंगबिरंगा मेला।
ऐसा मुझे वरदान देना, प्रभु श्री गणेश तम मिटाने को, में बन जाऊं दीप श्रेष्ठ। ऐसा मुझे वरदान देना, प्रभु श्री गणेश तम मिटाने को, में बन जाऊं दीप श्रेष्ठ।
घर को अपने छोड़कर चल देता सर पर बांध कफन। घर को अपने छोड़कर चल देता सर पर बांध कफन।
भाग्य भगवान को कोसता पल प्रहर भारत आएगा कोई वीर गुलामी की बेड़ी को देगा भेद।। भाग्य भगवान को कोसता पल प्रहर भारत आएगा कोई वीर गुलामी की बेड़ी को देगा भेद।।
हिदी हमारी शान है हिदी मेरी पहचान है। हिदी हमारी शान है हिदी मेरी पहचान है।
फौजी गांव की शान है देश का रक्षक देश की आन है। फौजी गांव की शान है देश का रक्षक देश की आन है।
सरस्वती बंदना मैं क्या हैं अगर इज्जत देना नही आए तो। सरस्वती बंदना मैं क्या हैं अगर इज्जत देना नही आए तो।
कहते थे -रक्त की अंतिम बूंद तक देश के लिए ही लड़ूंगा, कहते थे -रक्त की अंतिम बूंद तक देश के लिए ही लड़ूंगा,