Sreemanthula Manorama Jyotshna
Crime Others
क्यों क्यों
क्या है वजह
क्या है मेरा गुनाह
सहती हूॅं इसलिए
हर महीना रक्त बहती हूॅं इसलिए
निर्भया और दिसा तो दूर
कुत्तों को भी नहीं छोड़ा है तू क्रूर।
धरती माँ
अक्रम
प्यार
लड़की
नेता हो या हो अधिकारी पद हर जगह फैला भ्रष्टाचार है, नेता हो या हो अधिकारी पद हर जगह फैला भ्रष्टाचार है,
अपराध मुक्त भारत के लिए इन्हें अपने घर में बैठाना होगा। अपराध मुक्त भारत के लिए इन्हें अपने घर में बैठाना होगा।
अकसर देखा गया है उन हैवानों को करते है खुले आम अपराध अकसर देखा गया है उन हैवानों को करते है खुले आम अपराध
लड़की ने ठुकरा दिया राजा का प्यार राजा के प्रतिशोध को दिया ललकार लड़की ने ठुकरा दिया राजा का प्यार राजा के प्रतिशोध को दिया ललकार
ज्ञान चक्षु खोल के पराई केंद्र आग में तपे सोना कुंदन बन जग झोली भरे गैर ! ज्ञान चक्षु खोल के पराई केंद्र आग में तपे सोना कुंदन बन जग झोली भरे...
मैं आम आदमी हूँ, किसी की बहन को बहन नहीं मानता, मैं आम आदमी हूँ, किसी की बहन को बहन नहीं मानता,
खुले अम्बर में उड़ने दो, डरती हूं बाहर आने से , मां मुझे कोख में ही रहने दो। खुले अम्बर में उड़ने दो, डरती हूं बाहर आने से , मां मुझे कोख में ही रहने द...
गलती कोई और कर रहा है सज़ा किसी और को दिला रहा हूं गलती कोई और कर रहा है सज़ा किसी और को दिला रहा हूं
उठा कृपाण धड़ से अलग कर गर्दन को मत कानून की तू परवाह कर फैसला कर अपने हाथों से उठा कृपाण धड़ से अलग कर गर्दन को मत कानून की तू परवाह कर फैसला कर अपने ह...
दहेज लोभी संसार में, दहेज की भेंट चढ़ी थी, न्याय यहां मिलेगा नहीं, सो ईश्वर के दरबार ग दहेज लोभी संसार में, दहेज की भेंट चढ़ी थी, न्याय यहां मिलेगा नहीं, सो ईश्वर क...
मैं हतप्रभ हूँ, इन उग्र विचारों के बवंडर से, मैं हतप्रभ हूँ, इन उग्र विचारों के बवंडर से,
माँ तो अपना फर्ज निभा रही थी पर इंसान ने कौन सा फर्ज निभाया माँ तो अपना फर्ज निभा रही थी पर इंसान ने कौन सा फर्ज निभाया
दबाये बैठे हैं न जाने कितनों का हक... लाखों खर्च करके भंडारे कर रहे हैं। दबाये बैठे हैं न जाने कितनों का हक... लाखों खर्च करके भंडारे कर रहे हैं।
कैसे करते हैं दुनिया वाले खुद को बेमिसाल, हमें तो तुम बदनाम ही रहने दो कैसे करते हैं दुनिया वाले खुद को बेमिसाल, हमें तो तुम बदनाम ही रहने दो
बहते रहना चाहिए उसे सड़ांध मारती लोकतंत्र की लहूलुहान लाश पर ? बहते रहना चाहिए उसे सड़ांध मारती लोकतंत्र की लहूलुहान लाश पर ?
जब लड़कियां घर के अंदर घुट घुट के मरती है, जब एक नन्ही सी जान कोई शोषण के डर से डरती जब लड़कियां घर के अंदर घुट घुट के मरती है, जब एक नन्ही सी जान कोई शोषण के डर...
सब वादे यहाँ झूठे हैं, और आँसू भी हैं नकली...! सब वादे यहाँ झूठे हैं, और आँसू भी हैं नकली...!
फिर एक दिन, वो काली घटा छाई, कुछ खूंखार दरिंदों ने ना जाने क्यों, उस पे अपनी नज़र टिकाई...! फिर एक दिन, वो काली घटा छाई, कुछ खूंखार दरिंदों ने ना जाने क्यों, उस पे अपनी नज़...
बसंत कुमार और विजय मौर्य ने दुश्मन के खट्टे दांत किए बसंत कुमार और विजय मौर्य ने दुश्मन के खट्टे दांत किए
न्यायालय को दाग लगाने वाले जब तक जिंदा हैं तब तक हम हाथों में ज्वाला लेकर भी शर्मिंदा न्यायालय को दाग लगाने वाले जब तक जिंदा हैं तब तक हम हाथों में ज्वाला लेकर...