STORYMIRROR

अजय पटनायक

Classics

4  

अजय पटनायक

Classics

लावणी छंद

लावणी छंद

1 min
218

जन्म दिया जिसने सबको उस,

माँ को शत शत प्रणाम है।

कर्ज चुकाना है हमको अब,

जिसने दिलाया नाम है।।


माँ ममता की मूरत जानो,

सबके दुख को निवारती।

पीकर आँसू खुश रहती है,

सबके मन को सँवारती।


देवी का है रूप सुनो तुम,

समझ लो चारो धाम है।

जन्म दिया जिसने सबको उस,

माँ को शत शत प्रणाम है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics