लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
कोटि-कोटि नमन करती हूँ
भारत के ऐसे वीर सपूत को
डिगे नहीं देश रक्षार्थ जो डटे रहे
नमन माँ भारती के राजदुलारे कोl
व्यवहार सरल ,व्यक्तित्व महान
सम्पूर्ण आज़ादी जिनका था अरमान
लाल बहादुर शास्त्री नाम जिनका
देश हित में कार्य कर पाई जिसने पहचान।
सहे जिसने कष्ट अनेकों
पर न हिम्मत हारा था
राष्ट्र चेतना का वो प्रहरी
जो राष्ट्र धर्म निभाता था।
कद काठी जिनकी छोटी
पर नियत नहीं थी खोटी
डरे नहीं कभी अरिदल से
भारत का ऐसा बलिदानी था।
सैनिक किसानों की रक्षा
बुजुर्गों को शीश झुकाता था
स्वाभिमान की शिक्षा देकर
आज़ादी का महत्व बतलाता था।
रेल मंत्रालय और गृह मंत्री का पद भार
शान से जिसने निभाया था
ललिता शास्त्री का जीवन साथी
सरहद पर खड़े सैनिक का जो साथी था।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
जिसने नाम कमाया था
सर्व शांति के लिए जो लड़ा
अदम्य साहस से दुश्मनों के आगे रहा खड़ा ।
पाक युद्ध में विजय दिलाई
विजय पताका जग में लहराई
इस गुदड़ी के लाल ने
स्वावलंबन की जिसने अलख जगाई।
११ जनवरी १९६६ की कालमयी बेला ने
डंस लिया भारत के सूर्य को
छा गया अंधकार काली घटा घिर आई
देख जिसे माँ भारती की भी आँख भर आई ।
है नमन हे शान्ति दूत हे अमर सपूत
मेरी कलम में नहीं ताकत
मैं क्या तेरा गुणगान लिखूँ
नमन तुमको हे भारत के वीर सपूत ।