STORYMIRROR

Neerja Sharma

Abstract

3  

Neerja Sharma

Abstract

लाकडाऊन

लाकडाऊन

1 min
9

लाकडाऊन

करोना कहर 

सब पर बरस रहा 

पूरे विश्व को दबोचे हुए

इंसान चूहे की तरह बिल में बंद हुआ 

बंद पक्षी आजाद हुआ ,उड़ा उन्मुक्त गगन 

हवा पानी ,नदियाँ नाले हो सब साफ हुए

नील गगन भी अब नीला दिखता 

मन विचरण को करता

पर क्या करे इंसान 

करोना कहर

लाकडाऊन ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract