इंसान चूहे की तरह बिल में बंद हुआ बंद पक्षी आजाद हुआ ,उड़ा उन्मुक्त गगन । इंसान चूहे की तरह बिल में बंद हुआ बंद पक्षी आजाद हुआ ,उड़ा उन्मुक्त गगन ।
न खिलते हैं कमल सरोवरों में अब मन सरोवर भी अब सूखता जाया। न खिलते हैं कमल सरोवरों में अब मन सरोवर भी अब सूखता जाया।