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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

क्योंकि वो एक माँ है

क्योंकि वो एक माँ है

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पीड़ा थी प्रचंड लेकिन

फिर भी वो रोई नही

क्योंकि वो एक माँ है।

तेरी एक मुस्कान पर

अपना हर दर्द भूल गई

क्योंकि वो एक माँ है।

आंखों मे नींद भरी थीं

लेकिन वो सोई नही

क्योंकि वो एक माँ है।

देखे तेरे ही सपने

तेरे सो जाने के बाद

क्योंकि वो एक माँ है।

पैरो में छाले पड़े लेकिन

कदम कभी रुके नही

क्योंकि वो एक माँ है।

छालों की जलन बुझी

तेरे पैरो की उड़ान देखकर

क्योंकि वो एक माँ है।

तेरी गलती की सजा

सदा मिलती है उसको

क्योंकि वो एक माँ है।

चेहरे पर शिकन नही

बस एक इत्मीनान है

क्योंकि वो एक माँ है।

जीवन का हर पल

जिया है तेरे लिए

क्योंकि वो एक माँ है।

तुझ से कोई शिकायत नही

बस खुद पर एक गुमान है

क्योंकि वो एक माँ है।



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