क्यों जो मिली थीं तू मुझे
क्यों जो मिली थीं तू मुझे
साथ थे सहीं, अब और नहीं, वास्ते यू सभी तोड़ कर गए
ज़ख्म जो दिए तुमने मुझे, दिल के रास्ते बंद हो गए
प्यार तो था ही नहीं बीच में कभी यू हमारे
तू दिल को तोड़ गई, मुझे छोड़ गई तन्हाई के सहारे
क्यों जो मिली थीं तू मुझे
ख़ुद से अब नफ़रत सा हो गया
क्यों जो मिली थीं तू मुझे
दिल था भी कभी या नहीं अब मैं भूल गया
लौटकर तू ना आ अब कभी
रिश्ते जो थे तोड़ दे सभी
देखना नहीं चाहता अब सूरत तेरी
दिल से तू अब जा चुकी
नज़रें रह गई तेरी झुकी
हरकते थी ही ऐसी कुछ तेरी
दिल था मेरा टुकड़ों में बिखरा
इस बार था कसूर सिर्फ़ तेरा
हर दफा दर्द दिया सिर्फ़ तूने ही क्यों मुझे
छोड़ कर जाती चली, मैं भूल जाता ऐसे ही तुझे
क्यों जो मिली थी तू मुझे
ख़ुद से अब नफ़रत सा हो गया
क्यों जो मिली थी तू मुझे
दिल था भी कभी या नहीं अब मैं भूल गया