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S Ram Verma

Abstract

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S Ram Verma

Abstract

क्या संभव है !

क्या संभव है !

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कहाँ मुमकिन है 

अभिव्यक्त कर पाना  

हु-ब-हु प्रेम को

क्या संभव है ?


इसको अर्थ से परे

अभिव्यक्ति से आगे 

शब्दों में समेट पाना

क्या संभव है ?


इसको अपनी मातृ  

भाषा में पूरी तरह  

व्यक्त कर पाना

क्या संभव है ?


इसकी अभिव्यक्ति को

सही शब्द दे पाना

क्या संभव है ? 


चाहत के इस विस्तृत 

आकाश को अपने आखरों 

में बाँध पाना

नहीं शायद इसलिए 

तुम समझ ही नहीं पायी

थाह मेरे प्रेम की अब तक ! 


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