क्या खोया क्या पाया
क्या खोया क्या पाया
क्या खोया क्या पाया प्रश्न है अद्भुत
बहुत सहे हम सब इस कोरोना काल में
मर मर के भी जीते रहे सब उस हाल में
अपनो को खोते रहे इस कोरोना काल में
कौन अपना ,कौन पराया ,कौन है साथी
रिश्तों की पहचान हुई इस विकराल में
खोया तो बहुत ही अपने अपनों को
पर सबक भी मिला इस जंजाल में
तालमेल कैसे करें तब प्रकृति के संग
मिलजुलकर कैसे सामना करे परिवार में
मचा बहुत था हाय-हाय तब
पिंजरे के पंछी समान थे हम घर में
तब जाकर हमें समझ में ये आया
बहुत किया खिलवाड़ पर्यावरण में
भविष्य में अब तो वही आदमी बचेगा
ऑक्सीजन हो जिसके पीठ और कंधो में
अब तो सम्भल जा हे मानव तू और
सहने की क्षमता बढ़ा ले अपने सांसो में।