क्या है मृत्यु
क्या है मृत्यु
मृत्यु जीवन का अंत नहीं यह है शुरुआत,
थक चुके तन है विश्राम से मुलाकात।
मृत्यु है जीवन कविता की प्रथम पंक्ति,
व्यर्थ ही गंभीर रुदन बना इसकी अभिव्यक्ति।
शोर करती सांसे लिए जिंदगी सरिता संग,
मिल जाती है आकर शांत मृत्यु सागर रंग।
मृत्यु है आत्मा का नरम बिछोना मां की गोद सा,
बुझती प्यास मरुस्थल सी है तृप्त रस अमृत सा।
छोड़ मोह पाश में जकड़ा तन,
मृत्यु है नवयुग संकल्प से आलिंगन।
मृत्यु मात्र नवजीवन का उद्गम,
है क्लांत तन के पुनरुत्थान का शुभारंभ।
पूर्ण विश्राम प्रदान करती ईश्वरीय कृति,
मृत्यु मात्र है जीवन की अंतिम गति।
