कविता
कविता
क्या हूर - सा नूर !
क्या अंग - अंग अमिरात !
तू आग - सी
लिपट गई
फिर हुई बरसात...।
क्या हूर - सा नूर !
क्या अंग - अंग अमिरात !
तू आग - सी
लिपट गई
फिर हुई बरसात...।