Dr.Shree Prakash Yadav
Abstract
हे कविता !
तुम हो शब्द ब्रह्म
अर्थों के परम अर्थ
जिसका आश्रय पाकर
वाणी होती ना व्यर्थ।
हे कविते !
नमन है,
तुम्हें नमन
करते आए
जो कविजन
उनके लिए।
युगों-युगों
तक रहेगी
कविता
अस्त्र और कवच।
21 मार्च कवित...
अलविदा2022
चाहिए
जीवन
जीवनगत अनुभूत...
प्रियतमा
पापा
मैं फकीर हूँ
जीवन का महत्व
आसमान में उड़ने वाला देखता है कुछ नहीं पाता है कुछ नहीं कोई आधार नहीं होता है आसमान में उड़ने वाला देखता है कुछ नहीं पाता है कुछ नहीं कोई आधार नहीं हो...
चम्बल की ही प्रथा है मुझमें सदियों सहेजी व्यथा भी मुझमें! चम्बल की ही प्रथा है मुझमें सदियों सहेजी व्यथा भी मुझमें!
रटता हुआ फिर राम-राम। धाम-का अर्थ यहाँ "घर" से है। रटता हुआ फिर राम-राम। धाम-का अर्थ यहाँ "घर" से है।
झट बाँहों में समेट लेने वाले भइया-दीदी सुख के सारे पल करते मेरे हवाले! झट बाँहों में समेट लेने वाले भइया-दीदी सुख के सारे पल करते मेरे हवाले!
बंद कर पलकें अपनी बचपन की यादों में खो जाता हूं। बंद कर पलकें अपनी बचपन की यादों में खो जाता हूं।
हर एक बात पर जंग छेड़ी जाये, ये जरुरी तो नही.! हर एक बात पर जंग छेड़ी जाये, ये जरुरी तो नही.!
बची है मकरंद की चंद बूंदें और सुवास भी अभी। बची है मकरंद की चंद बूंदें और सुवास भी अभी।
पक्षपात का भेद न जाना, सर्वदा श्रेष्ठता को साथ है लिए, पक्षपात का भेद न जाना, सर्वदा श्रेष्ठता को साथ है लिए,
फिर रख दे हम उसे किसी तिज़ोरी में, हमारी किसी अमानत की तरह ! फिर रख दे हम उसे किसी तिज़ोरी में, हमारी किसी अमानत की तरह !
ये मेरे दिन की थकान कितनी बार इतनी बेईमान होती है... ये मेरे दिन की थकान कितनी बार इतनी बेईमान होती है...
कठिन से कठिन दौर भी पार कर जाते हैं वो हसीन पल हमारा हौसला बन जाते हैं। कठिन से कठिन दौर भी पार कर जाते हैं वो हसीन पल हमारा हौसला बन जाते हैं।
खत्म करना विश्व से करोना को और न विश्व में कोई महामारी फैलाना1 खत्म करना विश्व से करोना को और न विश्व में कोई महामारी फैलाना1
लैटकर खुले हाथ जनाजे पर वही जाहोजलाल रखा हैं। लैटकर खुले हाथ जनाजे पर वही जाहोजलाल रखा हैं।
पूरे दिन की सिरदर्दी बाद चाय और बिस्कुट की शाम! पूरे दिन की सिरदर्दी बाद चाय और बिस्कुट की शाम!
हमारा जादू हमारे सिर पर चढ़ कर बोल रहा है। हमारा जादू हमारे सिर पर चढ़ कर बोल रहा है।
हैरत नही, अछूूूत सा जहान के इस भीङ में वह अकेला हुुआ! हैरत नही, अछूूूत सा जहान के इस भीङ में वह अकेला हुुआ!
वह हसीन लम्हे, हमने है जो गुजारे, गांव में मचाता हुड़दंग। वह हसीन लम्हे, हमने है जो गुजारे, गांव में मचाता हुड़दंग।
मेरी डायरी के पन्ने फिर से यूँ ही खाली रह जाते हैं, मेरे मन की तरह। मेरी डायरी के पन्ने फिर से यूँ ही खाली रह जाते हैं, मेरे मन की तरह।
ये जिंदगी आज मैं बहुत खुश हूँ। ये जिंदगी आज मैं बहुत खुश हूँ।
झूठी मुस्कान का राज़फाश कर देती हैं आँखें। झूठी मुस्कान का राज़फाश कर देती हैं आँखें।