STORYMIRROR

Bhoop Singh Bharti

Abstract

3  

Bhoop Singh Bharti

Abstract

कुण्डलिया : "छोटा परिवार"

कुण्डलिया : "छोटा परिवार"

1 min
163

करकै टाब्बर एक दो, रख छोटा परिवार।

लाड लडाओ खूब रै, देकै  प्यार  दुलार।

देकै  प्यार दुलार, स्कूल म्ह भेज पढ़ाओ।

सदा रहैगी मौज, रोज फल फ्रूट खिलाओ।

कहै भारती खूब, परवरिश कर जी भरकै।

सुखी राख परिवार, टाब्बर एक दो करकै।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract