कुछ तो लोग कहेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे और कहते ही रहेंगे
टोकेंगे हर बात पे
रोकेंगे हर राह पे
ऐसा करो वैसा ना करो
कम बोलो, ज्यादा ना हँसो
साड़ी पहनो जींस नही
धीरे बोलो, जोर से नही
थोड़ी गोरी होना था
तुम मोटी हो पतली हो जाओ
बेटी पराये घर जाना है
बहु पराये घर से आयी है
नौकरी नही घर संभालो
पढ़ाई नही रसोई का काम सीखो
घर, समाज, संस्कार, के नाम पे रोकेंगे
अदृश्य बेड़िया पैरों में बांधेंगे
पंख काटकर उड़ने कहेंगे
सुनो सखी! ये सब लोग कहते रहेंगे
तुम सुनना खुद के मन की बात
तुम सुंदर, ससक्त नारी हो
हर पल जीना आत्मविश्वास के साथ खुद के लिए।