AMIT KUMAR

Romance

5.0  

AMIT KUMAR

Romance

कुछ नहीं है मेरे पास

कुछ नहीं है मेरे पास

1 min
147


हमें अपने प्यार की नुमाइश नहीं करनी थी,

हमने कुछ नहीं किया, तेरी रुसवाई नहीं करनी थी,

न जाने क्या गुरुर था तुझको, समझा नहीं

हमे तो बस तेरे वफ़ा की आजमाईश करनी थी।


हमने पहले ही कहा था कुछ नहीं है मेरे पास,

आज भी हालत वही है, कुछ नहीं है मेरे पास,

तब न जाने क्या चाहत थी तेरी, मेरे लिए

आज सिर्फ शिकायत है, वो भी नहीं है मेरे पास।


अगर मैं गुस्सा करता था, वो भी तुझे प्रेम दिखता था,

अभी मैं प्रेम करूँ तो, वो भी तुझे दिखावा दिखता है,

हालात बदल चुके हैं अब, बस अपनी सोच की वजह से,

पहले यही सोच हमेशा हमें अपना सा दिखता था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance