कुछ काम आ गया
कुछ काम आ गया


वो जिसने जाने के बाद
पलट के नहीं देखा मुझे
आज मुलाक़ात के लिए
वक़्त मांग रहा है
लगता है की जरूर
कुछ काम आ गया!
वो जिसे रोकने के लिए
हमने कितनी मिन्नते की
पर उस संगदिल ने
मेरी एक भी न सुनी
चला गया ठुकरा के
वो सारी मेरी मिन्नते
आज वो बहुत प्यार से
पेश आ रहा है
लगता है की जरूर
कुछ काम आ गया !
हम तड़पते रहे
उसके एक पैगाम को
मेरे इंतज़ार से
वो बेखबर तो न था
फिर भी हर दफा
नज़रअंदाज करता रहा
आज वो हद से
ज्यादा मुसकरा रहा है
लगता है की जरूर
कुछ काम आ गया!