STORYMIRROR

Anutrisha Paul

Romance

4  

Anutrisha Paul

Romance

कुछ भूला नहीं मैं

कुछ भूला नहीं मैं

1 min
97

वो जाड़े का मौसम वो हाथों की नर्मी 

वो चाय का प्याला वो आग की गर्मी

वो यादों का पिटारा वो बातों में शर्मी

कुछ भूला नहीं मैं तेरे एहसास आज भी मेरे दिल में है जमी


कभी तेरा रूठना कभी मान जाना

कभी मूंह फेरना कभी नज़र मिलना

तेरी शिकायतों पे तूझ पर प्यार बरसाना 

कुछ भूला नहीं मैं तुझे पाने के लिऐ मेरा खुद को हार जाना


तेरे वादों पे मेरा ऐतबार करना

तेरे बाद भी मेरा सिर्फ़ तुझी से ही प्यार करना

आदत पे मेरी तेरा अब गौर ना करना

कुछ भूला नहीं मैं तेरा मुझसे खुद को दूर करना 


अब तेरी याद में सिर्फ जी रहा हूं मैं

तेरे बाद अब तन्हा रह गया हूं मैं

मेरा हाल पूछना तो अब हवाओं ने भी छोर दिया है

जबसे तेरे इश्क में फना हो गया हूं मैं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance