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Shaina Bansal

Drama Romance Others

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Shaina Bansal

Drama Romance Others

कुछ अनकही बातें

कुछ अनकही बातें

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कही थी तुमने कुछ बातें

कुछ अनकही बातें हमने भी सुनी थी

लफ्ज़ो की जरूरत ही किसको

वो तेरे मेरे दरमियान

मोहब्बत की एक तार जो जुड़ी थी

देखते रहे एक टक एक दूसरे को

टेबल अलग थे पर जगह तो वहीं थी

ना जाने कैसे दिन महीनों

और महीने सालों में बदल गए


पर उसके चेहरे पर ज़ुल्फ़ो

की लट वही की वही थी

पहली मुलाकात वाली काली कुर्ती उसने

अभी तक संभाल रखी थी

(जो आज पहन के आयी थी वो)

हिम्मत ही ना हुई कि

उठ के उसके पास चला जाऊँ

किये जो गुनाह मैने

उनकी माफ़ी ही मांग पाऊँ


पहली मुलाकात की यादें

बिल्कुल साफ़ दिख रही थी

उससे मिलना, घर वालों को मनाना

फिर शादी, बच्चे और काम

इस भाग-दौड़ की ज़िंदगी में

मोहब्बत कहीं पीछे छूट गयी थी

रह रह कर याद आ रहे थे वो किस्से

वो प्यार का इज़हार

तमाम उम्र मोहब्बत की कसमे

साथ निभाने के वादे

न जाने लापरवाही कहूँ इसको

या नासमझी मैं

साथ रहने के लिए तड़पते थे जो

ना जाने कब साथ रह कर तड़प होने लगी


क्या इतना सा ही था प्यार

क्या यही तक था एतबार

क्यों आज हमारी ज़िद

तलाक पर अड़ी थी

क्यों मोहब्बत से ज्यादा

आज नफरत बड़ी थी

एक क्षण में ही जैसे

उसका अक्स धुँधला सा हो गया

पता ही न चला कब

मेरा हाथ आंसूओं से गीला हो गया


कोर्ट की आखरी सुनवाई का बुलावा था

न जाने क्यूँ आज दिल बैठा ही जा रहा था

पास आकर उसने मुझे एक लिस्ट थमाई

घर के ज़रुरी सामान और

मेरी दवाइयों की जानकारी उसमे पाई

रिश्ता खत्म होने की आखिरी मुलाकात पर भी

उसकी आँखों में अपने लिए दुआएँ मैंने पाई

दुपट्टा उसका फँसा

मेरी कमीज़ के बटन में ना जाने किस बहाने

पीछे मुड़ जैसे ही उसने

एक बार फिर मेरी तरफ देखा

रह न पाया इस बार मैं

माफ़ कर दो मुझे

रह न पाउँगा बिन तुम्हारे मैने उससे कहा


एक दूसरे की बाँहों में लिपट कर

कितना ही समय हम ऐसे ही खड़े रहे

तालियों की आवाज़ से सब

हौसला था हमारा बढ़ा रहे

देखते ही देखते बहुत भीड़ जुट गयी थी

अलग होने आए प्रेमियों को साथ देख

ख़ुशी सबको हुई थी

फूलों का हार लेके आए वकील साहिब

हमारी नादानी से, फिर एक बार

वरमाला की रस्म हमारी हुई थी

कही मैने भी उससे जी भर के बातें

बहुत सी अनकही बातें उसने भी सुनी थी


अब की बार, लफ्ज़ भी थे, इशारे भी

मोहब्बत दोबारा आयी थी हिस्से हमारे भी

दिल के तार जो टूट गए थे कभी

वो आज फिर से जुड़ भी गए थे

कही थी तुमने कुछ बातें

कुछ अनकही बातें हमने भी सुनी थी

हाँ सब बातें हमने भी सुनी थी


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