कुछ अनकहे रिश्ते
कुछ अनकहे रिश्ते
कुछ रिश्ते है ज़िन्दगी के जिनका कोई नाम नहीं
कभी कभी इनको इज़हार करना आसान काम नहीं ।
जहाँ अपनेपन की चाहत बड़ी शिद्दत से हो
है वह रिश्ता खूब गहरा , कभी आम नहीं ।
रिश्तों में मुकाबला, यह कोई बात नहीं बनती
जज़्बात जुड़े हो तो मुकाबले का कोई काम नहीं ।
होठों पर हो मुस्कान और दर्द हो अपनों के लिए
ऐसे फरिश्तों का नाम कभी होता आम नहीं ।
खूबसूरत पल किस्से बनते हैं और बनते हैं फ़साने भी
कब कौन ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाये इसक कोई पयाम नहीं।
कुछ अनकहे रिश्ते होते हैं बंद लिफाफों की तरह
अनकहे लफ्ज़ खूबसूरत ही हो ऐसा कभी होता आम नहीं।
चल ए दिल सुलझा वह रिश्ते जो पड़े हैं अनसुलझे
अनकहे एहसास बाँट ले, चुप रहना अच्छा काम नहीं।