कुछ ऐसा
कुछ ऐसा
आनन फानन में खींची जो तस्वीर तुम्हारी थी!
ताज़ा गुस्से में जो तुम मुस्काई, देखो कैसी होशियारी थी!
जल्दी जल्दी ,जाते जाते जो भूली इस बारी थी!
प्रेम भरी इन बाहों को प्रेम देना आपकी जिम्मेदारी थी!
सुनो...
ये जो बीत रही है जिंदगी..
तुम जानते हो,
आज और भी खूबसूरती के साथ होती,
तुम कुछ नहीं जानते,
सॉंसों को भरते समय बस इतना ही ख्याल आता है..
जो बीत रहा है उस में कोई तो पहले वाली बात होती।