Shailaja Bhattad
Abstract
राहें गुमराह थी
मंजिल भी नादान थी।
जब इरादों ने
दस्तक दी।
दोनों ही जुनून की
कसौटी पर थी।
होली है
फूलों की होली
कान्हा होली म...
होली
अध्यात्म की य...
वसंत
प्रोत्साहन
उत्सव प्रभु र...
राम धुन अनमोल...
श्रीराम जय रा...
कुछ दोस्त ऐसे होते हैं खरे सिक्के के जैसे होते हैं। कुछ दोस्त ऐसे होते हैं खरे सिक्के के जैसे होते हैं।
दिसंबर का मौसम है ये कमाल का अंतिम दिन है ये आज साल का। दिसंबर का मौसम है ये कमाल का अंतिम दिन है ये आज साल का।
हर पल साथ निभाती है, मां तो बस मां है, हर रिश्ते की जान है।। हर पल साथ निभाती है, मां तो बस मां है, हर रिश्ते की जान है।।
करना तो बस एक करम कीजे जनाव जी सकूँ खुद की जैसे, इतनी रहम कीजे। करना तो बस एक करम कीजे जनाव जी सकूँ खुद की जैसे, इतनी रहम कीजे।
राधे-राधे कहलाने वाला वो कृष्ण मुझमें क्यों नहीं उतर आता ? राधे-राधे कहलाने वाला वो कृष्ण मुझमें क्यों नहीं उतर आता ?
धरती पर बिखरकर एक बार फिर सोना कनक अनुपम बन जाएं। धरती पर बिखरकर एक बार फिर सोना कनक अनुपम बन जाएं।
अपने अपने कर्मो के फल, सब यूं ही भुगतते रहेंगे। अपने अपने कर्मो के फल, सब यूं ही भुगतते रहेंगे।
चूँकि भगवान ने कहा था, सिर्फ ‘मैं’ हूँ, ना कोई सवाल है, ना राज है। चूँकि भगवान ने कहा था, सिर्फ ‘मैं’ हूँ, ना कोई सवाल है, ना राज है।
कलम को और पैनी कर लिया मैंने, धार से प्रहार करना सीख लिया है अब ! कलम को और पैनी कर लिया मैंने, धार से प्रहार करना सीख लिया है अब !
ज्ग-कल्याण की असीम चाह भर देता है उत्साह। ज्ग-कल्याण की असीम चाह भर देता है उत्साह।
कहते हैं फिर अंत में उसको अब दोनों घरों की गरिमा तुम।। कहते हैं फिर अंत में उसको अब दोनों घरों की गरिमा तुम।।
हौसलों का पस्त होना, होता है खुद की सोच में शामिल नाउम्मीद भी हो जाता कभी-कभार हूँ। हौसलों का पस्त होना, होता है खुद की सोच में शामिल नाउम्मीद भी हो जाता कभी-कभा...
साँझ ये रस भरी लुटा रही अमृत गागरी। साँझ ये रस भरी लुटा रही अमृत गागरी।
मुरली की तान से, राधा बुलायो है। नटखट शैतानियों से, मन को लुभायो है। मुरली की तान से, राधा बुलायो है। नटखट शैतानियों से, मन को लुभायो है।
उम्मीद का कल होगा सवेरा दिखा मुझे इतनी सी रोशनी। उम्मीद का कल होगा सवेरा दिखा मुझे इतनी सी रोशनी।
मांगा हमने इंसाफ तो, नाराज लोग हो गए।। मांगा हमने इंसाफ तो, नाराज लोग हो गए।।
मायूसी मौसम को मेहमान समझने लगी है मायूसी मौसम को मेहमान समझने लगी है
कल जरूर छुएंगे सरहद आज जो कर ले जद्दोजहद। कल जरूर छुएंगे सरहद आज जो कर ले जद्दोजहद।
कड़वे मीठे अनुभव पाए, उनका स्वाद चखा है ! परिणामों से, बोझ, सफलता, जो भी मिला सहा है कड़वे मीठे अनुभव पाए, उनका स्वाद चखा है ! परिणामों से, बोझ, सफलता, जो भी...
याँ रात के बहकावे में आकर, और उलझ जाने को बेताब। याँ रात के बहकावे में आकर, और उलझ जाने को बेताब।