कृतज्ञता
कृतज्ञता
कृतज्ञता जताना ,आभारी होना, आभार जता धन्यवाद करना है।
तब क्यों ना हम सर्व प्रथम ,कृतज्ञता जतायें परम पिता को जिनसे श्रेष्ठ मानव तन पाया है।
कृतज्ञ रहें माता पिता के प्रति, जिनसे हमने सुन्दर जन्म पाया,
पाया बचपन का लाड दुलार ,पढ़ा लिखा कर सक्षम बनाया।
सदा करें सम्मान हृदय से उनका।
कृतज्ञता रखे गुरुजनों के प्रति, जिन्होंने शिक्षा दे अज्ञान मिटाया ।
हमने सुन्दर मानव धर्म निभाया हर रिश्ते के प्रति रहें कृतज्ञ हम ।
कृतज्ञ रहें अपने पूर्वजों के प्रति, उनके आदर्शों का पालन करें ।
धन्यवाद कर शीश नवायें।
कृतज्ञ रहें अपनी संस्कृति. अपनी मातृभूमि, इस धरा के,
हाथ जोड़कर करें प्रार्थना प्रभु धन्यवाद इस जीवन को आपने, सफल बनाया ।