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gautam anand

Inspirational

4  

gautam anand

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क्षणभंगुर

क्षणभंगुर

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जीवन बेहद क्षणभंगुर है; जी भर के इसको जिया करो,

कुछ बूढ़ी आँखें रस्ता तकती हैं उनसे भी बातें किया करो।


जीवन की आपाधापी में माना; वक़्त न तुमको मिलता हो,

जिसने तुम्हें दिया है जीवन कुछ उनकी फ़िक्र भी किया करो।


उम्र हो चली उन कंधों की; जिस पर तुम झूला झूले थे।

आज सहारा ढूँढ रही हैं तुम आगे बढ़कर धीरज दिया करो।


जो नहीं मिला वो याद है तुमको जो मिला उसे क्यूँ भूल गए,

जो वक़्त लुटाया है तुमपे कभी उस दिन में भी जिया करो।


आखिर ये कड़वाहट कब तक; कब तक क्रोध को पालोगे,

मन से ये विष दूर करो अब; दो घूँट प्यार के पिया करो।


वो कौन है जिसने दौलत ना देखी, पर किसके काम ये आया है,

दिन प्रतिदिन जीवन रीत रहा; अब ये सीख समय से लिया करो।


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