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Mukesh Singh

Inspirational

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Mukesh Singh

Inspirational

मृत्युंजय

मृत्युंजय

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करो विदा अब बाबा मेरे

मैं तो अब उस लोक चला।

लेने मुझको आएं हैं स्वयं

उमापति बम बम भोला।।


देखो, सूर्य ने रथ अपना भिजवाया है

इंद्र भी साथ चलकर आया है।

तिरंगा मुझसे लिपटा है यूं

मेरी शहीदी का दिन आया है।।


रो रही है भारत माता

चीख रहा है अंबर भी।

अश्रु बहाती नदियां सारी

मौन है पैगम्बर भी।।


कवि ने लिखे गौरव गीत

हवाएं जय जयकार लगाती हैं।

सलामी देती सेना मुझको

दुनिया शीश झुकाती है।


चौड़ा हुआ है सीना मेरा

अब मैं भी बलिदानी कहलाऊंगा।

बाबा करना विदा गर्व से

अगले जन्म फिर आऊंगा।।


मां से कहना रोये नहीं

मैं फिर से बेटा बनकर आऊंगा।

ये जीवन भारत मां को दिया

अगले जन्म उनका कर्ज चुकाऊंगा।।



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