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Sumit sinha

Inspirational

4  

Sumit sinha

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नववर्ष

नववर्ष

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खट्टी-मीठी यादें छोड़,

वर्ष पुराना बीत चला।


नव वर्ष की नई उम्मीदें,

दे वर्ष पुराना बीत चला।


माह दिसम्बर के तिथियों में,

अब वर्ष पुराना बीत चला।


जाते-जाते वर्ष पुराना,

नव-वर्ष का अंकुर छोड़ चला।


अंकुर के अंदर खुशियां,

वर्ष पुराना छोड़ चला।


ज्यों-ज्यों अंकुर विकसित होगा,

विकसित उम्मीदों की शाखाएं होगी।


उम्मीदों की शाखों से फिर

खुशियों की बरसातें होंगी।


नये वर्ष का हर्ष नया,

संग नई उम्मीदें लाएगा।


बैर ले गया वर्ष पुराना,

नव वर्ष फिर मिलाएगा।


सब के जीवन में खुशियां,

नव वर्ष संग में लाएगा।


नये वर्ष का नया वसंत,

सबके मन को भाएगा।


स्वागत करो नव वर्ष का,

ये जीवन नया दिखाएगा।


       


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