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PRATAP CHAUHAN

Abstract Classics Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Classics Inspirational

कृपा करो

कृपा करो

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कृपा करो भक्तों पै भवानी।

तुमरी कृपा भक्तजन जानी।।


भक्ति को शक्ति देउ जग जननी।

मेरा जीवन सार्थक करो भवानी।।


तुम बिन यह दुनियां बीरानी।

शरण देउ अब मात भवानी।।


भूल से भंग होइ यदि बानी।

तो क्षमा करो मोइ मात भवानी।।


तुम सृश्टि स्वरूपा माता रानी।

विधिओं की विधि हैं मात भवानी।।


तुम बिन सबल नहीं कोई प्राणी।

हैं जग जननी मेरी मात भवानी।।


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