करें सहयोग,भगाएं रोग
करें सहयोग,भगाएं रोग
प्रिय डायरी के अनुभव क्रम में, ज्यादातर सफल रहे हैं भारत के प्रयोग,
मगर विदा करनी है यह विपदा,रोग भगाने में चाहिए हैं सबका सहयोग।
अति प्रशंसनीय हैं प्रयास हमारे, जिससे अभी रोग की काफी धीमी है रफ्तार,
पर कुछ नासमझों की नासमझी के कारण, कोरोना का नहीं रुक रहा प्रसार।
अधिकतर का धीरज प्रशंसनीय है, पर कुछ दुर्बुद्धि आदत से हैं लाचार,
असर ना होता उनकी मोटी बुद्धि में, घर में रहने का लक्ष्य देते हैं बिसार।
सकल विश्व के बाकी सभी देशों से ,धीमा है विपदा का हमारे यहां प्रसार,
आपके सहयोग का ही यह प्रतिफल, बाकी साधन भी हमने किए हैं तैयार।
आश्रय स्थल -अस्पताल बनाए, व्यक्तिगत सुरक्षा के उपकरण कर दीन्हें हैं तैयार,
लेकिन कुछ मूर्खों की मूर्खता के आगे , यह सारे साधन साबित हो रहे हैं बेकार।
राष्ट्र रक्षकों के संग दुर्व्यवहार सिरफिरों का,सोचो यह देश पर है दोहरी विपदा की मार,
सम्मान करो सबको जीवन देने वाले इन रक्षकों का , जरा निज मन में हम करें विचार।
भावना पर जो न हम सकोगे नियंत्रण, तो खुद अपने को और अपनों को देंगे हम मार।
हाथ जोड़कर विनती है तुम सबसे ही, निर्देश मान रहें घर में ये है मानवता पर उपकार।
