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D.N. Jha

Inspirational

4  

D.N. Jha

Inspirational

क्रांति की मशाल*************

क्रांति की मशाल*************

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क्रांति की मशाल हो,

भारती मिशाल हो।

आंखें लाल-लाल हो,

जैसे कोई ज्वाल हो।


क्यों नहीं मलाल हो ?

मिट्टी जो न भाल हो।

मातृ भू विशाल हो,

ऐसी ही मिशाल हो। ‌


 काल हो कपाल हो,

 पूछते सवाल  हो‌। ‌‍ 

पैर में न नाल हो,  

धूल भी गुलाल हो। 


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