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Sanjay Jain

Abstract

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Sanjay Jain

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*कोरोना*

*कोरोना*

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जान ले रहा है कोरोना,

अब हिंदुस्तान में।

अब संभाल कर रहो, 

अपने अपने घरों में।।


कैसी बीमारी ये आई,

जान पर आफत आई।

न कोई समझे न ही जाने,

बस हाँ में हाँ सबकी मिलने।


कैसे ले रही है,

जान इंसानों की।

अब संभाल कर रहो, 

अपने अपने घरों में।।


किसी का पाप,

कही पर आया।

बेगुनाहों लोगो को,

इस ने रुलाया।


मर भी रहे है, 

बेहगुना इंसान जन।

कैसे बच इस से,

अब हम इंसान जन ?

अब संभाल कर रहो, 

अपने अपने घरों में।


जान ले रहा है कोरोना,

अब हिंदुस्तान में,

अब संभाल कर रहो, 

अपने अपने घरों में।


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