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Rekha Joshi

Tragedy

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Rekha Joshi

Tragedy

कोरोना

कोरोना

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छुओ ना छुओ ना छुओ ना

कुछ भी ना तुम अब तो छुओ ना

साबुन से धो हाथो को अपने

भागेगा फिर जालिम कोरोना


कोरोना ने ढाया कैसा अत्याचार है

आज मंदिरों के भी बंद हुए द्वार है

ईश्वर तो सदा रहता ह्रदय में हमारे

सुन लेता हमारे मौन दिल की पुकार है


नहीं देखे करोना कोई जाति पाती

बात यह लोगों को क्यों समझ नहीं आती

थूक रहे उन पर जो देते जीवन दान

कब सुधरेंगे लोग जिन्हें शर्म नहीं आती।


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