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Rekha Joshi

Others

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Rekha Joshi

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खून की कीमत बहुत सस्ती है

खून की कीमत बहुत सस्ती है

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गरीब की यहां अजब हस्ती हैं

खून की कीमत बहुत सस्ती है

,

कहती दर्द ओ ग़म की दास्तां

ग़म की बस्ती अजीब बस्ती है

,

बहुत रुलाते भूख के आंसू

पेट की ज्वाला नहीं बुझती है

,

जीवन की नाव पार लगे कैसे

टूटी पतवार और टूटी कश्ती है

,

मिलती उन्हे दर दर की ठोकरें

बार बार चोट यहां रिसती है


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