Hoshiar Singh Yadav Writer

Abstract

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Hoshiar Singh Yadav Writer

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कोरोना सेवक

कोरोना सेवक

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जब कभी विपत्ति आती

सेवक बनकर जन आए

विपत्ति को दूर हटवाकर

चेहरों पर मुस्कान लाए,


एक से बढ़के एक योद्धा

देव रूप में चलकर आए

विपत्ति में हर हर बोलके

गिरे जन हृदय से लगाए,


मुस्कराते रहते कुछ लोग

उनके दिल में भरा है धन

कब कैसे जन सेवा करूंगा

उछलता रहता उनका मन,


कभी नहीं घबराना चाहिए

कैसी पहाड़सम विपत्ति में

जब सेवा दिन-रात होती हो

तो फूल बरसाओ बस्ती में।


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