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Piyush Goel

Abstract

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Piyush Goel

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कोरोना पर कविता

कोरोना पर कविता

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सन 19 की बात है ये ।

एक देश के साथ है ये ।।

एक देश से शुरू हुई थी महामारी ।

और ये बनी लोगो की हत्यारी ।।

खतरा एक देश पर मंडराया था ।

हर देश घबराया था ।।

किसने सोचा ऐसा भी हो जायेगा ।

पक्षियों को कैद करने वाला खुद घर मे कैद हो जाएगा ।।

पैसो के बल पर सारी दुनिया हो गयी अहंकारी ।

किसने सोच आएगी ऐसी भी महामारी ।।

जिसमे फंस जाएगी दुनिया सारी ।

हर किसी को खतरा चाहे नर या नारी ।।

बड़ी बड़ी महाशक्ति भी हारी है।

न जाने कैसी ये महामारी है।।

इसकी कोई न है दवाई।

जब तक दवाई न मिले घरो में रहे बहनो ओर भाई ।।


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