कोरोना बम बन गए
कोरोना बम बन गए
चंद दिनों में यह कैसे हालात बदल गए
वक्त बदला और जज्बात बदल गए
डूब जाएंगे यह जानकर भी दरिया में उतर गए
यह कैसी आंधी आई जो दरख़्त जड़ों से ही उखड़ गए
जिंदगी को महफूज रखने को दूरी बनानी है लाजमी
समझ कर भी क्यों नासमझ बन गए
छूरी लेकर नहीं कोरोना लेकर आए थे साहब
पूरे शहर देश को संक्रमित कर गए
अणु परमाणु मिसाइलों की जरूरत नहीं
अब तो पूरी दुनिया में इंसां ही कोरोना बम बन गए।
